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सं सु , रांची। झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव के 14 वें दिन एक साथ राजस्थान की रंग-बिरंगी छटा के साथ साथ कश्मीर का रऊफ लोक नृत्य, छऊ नृत्य और पाइका नृत्य ने लोगों का दिल जीता । प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने भोजपुरी झूमर गीतों पर लोगों को झुमाया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को समर्पित महोत्सव में लोक गायिका नीतू नवगीत ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीड़ पराई जाने रे से किया । फिर उन्होंने दे दी हमें आजादी बिना खड़ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल गीत के माध्यम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी । गांधीजी के चंपारण में योगदान पर आधारित गीत सत्य की राह दिखाएं दियो रे लाठी वाले बापू, अहिंसा का अलख जगाए दियो रे लाठी वाले बापू, चंपारण को अपना बनाए लियो रे लाठी वाले बापू को लोगों ने खूब पसंद किया।
उन्होंने हमरा आम अमरैया बड़ा निक लागेला, झूमे नाचे गाएँ सब मिल, आईल बा नया साल कब छोड़ी चिंता भाई और जुग जुग जिया तू ललनवा जैसे गीत गाकर लोगों को मोहित किया। अंत में गांधी जी का प्रिय भजन रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम की प्रस्तुति नीतू नवगीत द्वारा की गई जो सबको मनभावन लगी।
कार्यक्रम का संयोजन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और रंगकर्मी डॉ कमल कुमार बोस ने कहा कि खादी एवं सरस मेला में प्रत्येक दिन नयापन आता जा रहा है। यह मेला झारखंड की पहचान है, झारखंड की शान है । कार्यक्रमों में शिव शक्ति छऊ नृत्य दल द्वारा प्रस्तुत छऊ नृत्य और मुकेश कुमार नायक के संयोजन में प्रस्तुत पाइका नृत्य को भी लोगों ने खूब पसंद किया ।