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अभिषेक राय, तेघरा। प्रखंड लोक शिक्षा समिति कार्यालय तेघरा के प्रांगण में साक्षरता कर्मी महासंघ इकाई तेघरा की बैठक संघ के प्रखंड अध्यक्ष बैजनाथ महतो की अध्यक्षता में हुई। बैठक में साक्षर भारत एवं अक्षर आंचल के सभी कर्मी शामिल हुए।
बैठक को संबोधित करते हुए संघ के संयोजक अशोक कुमार ने कहा कि साक्षरता अभियान से बिहार को साक्षरता दर में ही केवल उछाल नहीं बल्कि सरकार के द्वारा जनहित में लिए गए निर्णय एवं योजनाओं को धरातल पर लागू करवाने में लोगों को जागरुक करने के साथ ही सरकार के द्वारा सामाजिक सुधार कार्यक्रम जैसे शराबबंदी आंदोलन, शिक्षा का अधिकार कानून, लोक शिकायत अधिकार अधिनियम, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम, मतदाता जागरूकता अभियान, आपदा प्रबंधन, स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत वार्ड एवं पंचायत को खुले में शौच से मुक्ति हेतु पहल, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही समाज में महिलाओं को सशक्त करने एवं जीवन स्तर सुधार कार्यक्रम के अलावे सरकार के मानव श्रृंखला को सफल बनाने एवं सरकार के निश्चय योग को लागू करवाने वाले तमाम कर्मियों की दयनीय दशा को सरकार नजरअंदाज करते हुए तुच्छ मानदेय देना भी मुनासिब नहीं समझ रही है।
31 मार्च 2018 के बाद सेवा विस्तार का पत्र केंद्र द्वारा जारी नहीं करने जिस का मौका उठाकर जन शिक्षा निर्देशक डॉ विनोदानंद झा द्वारा हिंदुस्तान दैनिक पत्र में मकतब दिया गया की साक्षरता कर्मियों की सेवा समाप्त हो गया। प्रकाशित तथ्य को पढ़कर सभी आहट और आक्रोशित कर्मियों का मानना है कि निर्देशक द्वारा कर्मियों के विरुद्ध साजिश रच कर हटाने की प्रयास की जा रही है जो सामाजिक विरोधी चमक चेहरा सामने आ रहा है।
ऐसे निर्देशक को पद पर बने रहना राज्य और देश के हित में सही नहीं है। कार्यकर्ताओं ने निर्देशक के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की साथ ही केआरपी मीना कुमारी के नेतृत्व में महिलाओं ने निर्देशक के पुतले को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने 24 मई को जिला स्तरीय आक्रोश मार्च तथा जिला स्तरीय धरना को ऐतिहासिक बनाने का निर्णय लिया गया।