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आलेख – शिशिर समीर, जन्दाहा । लगातार लूट और अपराध के बढ़ने के कारण और अपनी निकम्मेपन के आरोप को झेल रही जन्दाहा पुलिस को कुछ राहत मिलती दिख रही है। लूट कांड में संलिप्त एक अभियुक्त को चकमहदीन पेट्रोल पंप के निकट से गिरफ्तार किया और सख्ती से पूछताछ के बाद उसने 21जुन को मध्य विद्यालय जन्दाहा के निकट से आरती इंटरप्राइजेज के कर्मी से लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार करने के बाद हिस्से के बीस हजार रुपये सहित कई अभियुकों के नाम का खुलासा किया ।
हलांकि अन्य अभियुक्त के नामों की खुलासा पुलिस अनुसंधान पर प्रभाव पड़ने के कारण नही बताई है, लेकिन पुलिस के लाख प्रयत्न करने के बावजूद अन्य किसी अभियुक्त की गिरफ्तारी नही हो सकी और न ही कोई बड़ी रकम मिल सकी है ।आपको बता दें कि आरती इंटरप्राइजेज के कर्मचारी से 21जुन को छः लाख उन्नीस हजार रुपया लूट के एक पखवारे बाद ही दूसरी बंदना इंटरप्राइजेज के कैश काउंटर से तीन लाख रुपए से उपर की लूट के वारदात होने से पुलिस कार्यशैली पर लगातार प्रश्न उठने लगा था ।
लोगों का आरोप इसलिए भी वाजिब लग रहा था कि घटना के बाद किसी तरह की तत्परता पुलिस नहीं दिखाई थी जिसके कारण ही अपराधीयों ने दूसरी बरदात करने का साहस किया ।हलांकि कि कांड के उद्भेदन में पुलिस चाहे जिस मुकाम तक पहुँची हो, लेकिन इतना तो तय है कि निष्कृयता के आरोप झेल रही पुलिस राहत जरूर महसूस कर रही होगी ।लेकिन एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा होता है कि कांड के उद्भेदन के दावे करने वाली पुलिस की हाँथ अपराधीयों और उसके द्वारा लूटी गई राशि से खाली क्यों रह गई ।ये सवाल पुलिस को सोचने पर मजबूर करती है, जिसका जबाव आगे के कारवाई से पता चलेगा ।