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शिशिर समिर, जन्दाहा। जन्दाहा पीएचडी के द्वारा होने वाली पानी सप्लाई पन्द्रह दिनों से ठप है। आमलोग बेचैन है, तो कार्यालय कर्मी बजारू पानी से प्यास बुझाते। रोजमर्रा के कामों से आने वाले लोग पानी के लिए तरस रहे है। मारे प्यास इघर -उधर भटक कर मँहगी बोतल वाली पानी पीकर प्यास बुझाते, वहीं आय, आवासीय, जाति और अधार कार्ड बनबाने के लिए आई महिला व बच्चे मुँह सुखा प्रखंड मुख्यालय के बाहर दुकानदार से एक ग्लास पानी की अर्जी करते दिखते है। लगातार पानी की मांग से परेशान दुकानदार उल्टी-सीधी दो बात कहते, फिर भी बच्चे की दुहाई देकर पानी देने का आग्रह करती।
मालुम हो कि विगत कई वर्ष पहले से पीएचडी के द्वारा प्रखंड मुख्यालय से अरनियाँ तक पानी की सप्लाई दी जाती है। मनरेगा कार्यालय के निकट पानी टंकी और लोगों को पानी पीने के उद्देश से दो नलका लगा हुआ है ।इसके अलावे प्रखंड में एक मात्र चापाकल लगा हुआ है, जो अक्सर खराब रहता और यदि ठीक भी रहता तो उसमें आयरन की अधिक मात्रा मौजूद है, जिसके चलते पानी लाल रंग का निकलता है। पदाधिकारी से लेकर कार्यालय कर्मी तक अपने लिए बजारू पानी का डब्बा मँगाते। लेकिन हजारों लोगों के परेशानी को कोई नहीं देखने वाला है।
अधार कार्ड बनबाने आई सुनीति देवी, रासमणी देवी, ऋषभ कुमार, दिप्ती कुमारी आदी अपनी प्यास बुझाने प्याऊ के निकट जाकर नल्के को खोलता और पानी नहीं आने पर मुर्झा कर लौट जाता। रसमणी देवी तो कहती है “मारो बरहनी कईसन हई ब्लॉक जे एको चरूआ पानी न मिलईझ ” ।अंचल गार्ड योगेंद्र महतो ने कहा कि आज पंद्रह दिनो से यही स्थिति है।
हमलोग अलग के चापाकल से पानी लाते है, उसमें भी काफी आयरन है।
इस संबंध में स्थिति बताने के लिए पीएचडी कार्यालय में कोई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद नही थे ताकी हकीकत जाना जा सके, लेकिन जानकारो की माने तो यहाँ विगत पाँच वर्षो से आपरेटर का पद रिक्त है। जब कोई कर्मी आता है तो चालू कर देता, लेकिन उसके बदले पारिश्रमिक नहीं मिलने के कारण वो भी छोङ दिया।
अंचलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि बाकई यह एक गंभीर समस्या है। भीषण गर्मी में लोग आखिर पानी के लिए व्याकुल होंगे। विभागीय पदाधिकारी से बात कर अविलंब इस समस्या का समाधान किया जाएगा। मामला जन्दाहा प्रखंड मुख्यालय पर पीएचडी द्वारा पानी सप्लाई बंद होने का है।