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रिपोर्ट: नलिनी भारद्वाज। रालोसपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री राजेश यादव ने रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा से आरक्षण विरोधियों द्वारा बदसलूकी की घटना की निंदा की है। उन्होंने अपने वार्ता में कहा कि इस घटना की जितनी निंदा की जाय वो कम होगा।
जिस तरह से आरक्षण विरोधी मोर्चा के सवर्ण लोगों ने मंत्री जी की गाड़ी को रोककर हाथापाई की कोशिश की और दलित- पिछड़े- कुशवाहा समाज के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया उसे बिहार ही नहीं भारत का समस्त बहुजन समाज कभी बर्दाश्त नही करेगा। सवर्ण समाज के सामंती गुंडों द्वारा मंत्री जी के रास्ते में बाधा उत्पन्न की गयी जिसके कारण वे मोतिहारी में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकें।
यह कितनी घृणित बात है कि उत्पात मचाने वाले इन लोगों ने जिस तरह से श्री उपेन्द्र कुशवाहा को आरक्षण समर्थक व जातिवादी बताकर अपमानित किया उससे साफ़ होता है कि ये लोग सवर्ण- सामंती व जातिवादी मानसिकता के शिकार है जिन्हें अपनी हैसियत नहीं पता है। अपने घर और मोहल्ले के रास्ते में इन लोगों ने रास्ता रोककर उपेन्द्र कुशवाहा को अपने सामाजिक न्याय के मिशन से रोकने की कोशिश की ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि अगर पचासी फीसदी आवाम ने जिस दिन ठान लिया तो उनका घर से निकलना मुश्किल हो जायेगा।L
मंत्री जी पर हमला करने वाले इन बामुश्किल दो- ढ़ाई फीसदी लोगों को जान लेना चाहिए कि यह आजादी के बाद का सामंती नेतृत्व वाला और रणवीर सेना के दौर का बिहार नहीं है बल्कि कर्पूरी और मंडल के बाद का बिहार है। श्री उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व में बिहार ही नहीं देश स्तर पर सामाजिक न्याय और भागीदारी की लड़ाई राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेतृत्व में पुरे जोश- खरोश के साथ जारी है और आगे भी उसी हौसले के साथ चलता रहेगा।
रालोसपा की नीव श्री उपेन्द्र कुशवाहा जी ने सामजिक न्याय और भागीदारी की राजनीतिक विचारधारा की बुनियाद पर रखी है जिससे उन्हें कोई भी डिगा नहीं सकता है क्योंकि वे सत्ता में नहीं संघर्ष में विश्वास करते हैं। उपेन्द्र कुशवाहा के अपमान का बदला रालोसपा राजनीतिक तौर पर लेगी और आरक्षण के समर्थन में सामाजिक न्याय और भागीदारी- बराबरी की लड़ाई तेज की जायेगी। इस मुहीम की शुरुआत रालोसपा न्यायपालिका में भागीदारी की मुहीम – “हल्ला बोल, दरवाजा खोल” के साथ जल्द ही करने जा रही है।