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दो बड़ी पार्टियों के कार्यकर्ताओं के झरप से बचने के लिए टेकारी से निर्दलीय महिला उम्मीदवार अर्चना राय को उनके समर्थक ने बी एस एफ कैंप में ले जाया गया और वहाँ अपनी पहचान बताने के वावजूद वहां मौजूद जवानों ने उनपर लाठी -डंडों से प्रहार किया यही नहीं उनके साथ धक्का मुक्की भी की गई। क्या यह सही है ? क्या महिला उम्मीदवार को झरप से बचने के लिए पुलिस का सहारा नहीं लेना चाहिए था ?
निर्दलीय महिला उम्मीदवार अर्चना राय से हुई वार्ता का कुछ अंश –
मुझे धक्का देकर गिरा कर लाठी चलाया गया। दो गुंडा दल में मुठभेड़ हो रही, मुझे बी० एस० एफ० के जवान के तरफ मेरी सुरक्षा के लिए उनके कैंप में ले जाया गया मगर वहां के जवान ने मुझ पर लाठी बरपाई , ढकेल कर गिरा कर जमीन पे मारा जबकि मैंने अपना पहचान पत्र भी उनलोगों को दिखाया। ये है लाठी – गोली की सरकार !!