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बहुत ही मुश्किल से यह दोनों दिव्यांग युवक मतदान के लिए मतदान केंद्र के भीतर जा सका जिसको लेकर दिव्यांग मतदाताओं में काफी मायूसी भी देखी गई। वही दिव्यांग मतदाता ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि कहाँ गया दिव्यांग के लिये रैम्प और व्हीलचेयर। मतदान को लेकर सहदेई बुजुर्ग प्रखंड में बनाए गए मतदान केंद्र पर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त भी किया गया था। मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई थी। वही विभिन्न उम्मीदवारों के समर्थक मतदाताओं को किसी प्रकार मतदान केंद्र पर पहुंचाने में पूरे दिन व्यस्त रहे। मतदान केंद्र के भीतर एवं बाहर हैंड सेनेटाइजर की भी व्यवस्था की गई थी। सहदेई में स्नातक वोटरों की संख्या 414 थी जिसमे 233 एवं तिरहुत शिक्षक 49 जिसमे 35 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया।
वहीँ दूसरी तरफ बिदुपुर प्रखंड में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र एवं शिक्षक निर्वाचन का चुनाव को लेकर दो बूथ बनाया गया था जिसको लेकर काफी व्यवस्था की गई थी। जगह जगह सेनेटाइजर की व्यवस्था और मतदाताओं के लिए हैंड ग्लव्स भी रखा गया था। वही प्रखंड में ही बने दुसरे बूथ पर ग्लव्स की व्यवस्था नहीं दिखी। पुलिस प्रशासन चुनाव को लेकर काफी चौकस दिखी। लेकिन मतदाताओं के जाँच के लिए आये स्वास्थ्य कर्मी अपने कार्यों में कोताही बरतते दिखे । वैशाली जिला में तिरहुत शिक्षक निर्वाचन में कुल 75 प्रतिशत और तिरहुत स्नातक में कुल 47.48 प्रतिशत मतदान हुआ।