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रिपोर्ट : शिशिर समीर, जन्दाहा। जन्दाहा थाना क्षेत्र के ग्राही में एक अजीबोगरीब यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है । जंगल से दस्यु के गांव में प्रवेश करते जिस तरह दहशत का माहौल बन जाता था, वैसी ही स्थिति हैदर नामक युवक के गांव में आते ही बच्चों में है। बच्चे हैदर के आने से दहशत में है।
मामला चार महीने पहले की है। सभी बच्चे गांव के मध्य विद्यालय और मदरसे में पढ़ने वाले बताये जाते है। हैदर परोस के ही एक के बाद एक करके सात बच्चों का यौन उत्पीड़न किया। वह यौन उत्पीड़न ही नहीं किया, बल्कि किसी को बताने पर जान मारने की धमकी भी देता था। मारे जाने के डर से बच्चे किसी के निकट जुबान नहीं खोले।
एक दिन एक बच्चे को बहला-फुसलाकर ले गया और और उसका यौन शोषण किया। इस दौरान बच्चे को जख्म हो गया और वो रोने लगा। हैदर बच्चे को पहले तो बहलाया-फुसलाया और फिर जान मारने की धमकी भी दिया। जब बच्चे जख्म की पीड़ा से रो रहे थे तो उसे गोद में लेकर आया और उसके माँ से बोला कि ये नुकीले खूँटे पर खेलने के दौरान गिर गया है, जिससे जख्म आ गया है। इसे मरहम लगा दीजिए।
बच्चे की माँ हैदर के कुकृत्य को भाँप नही सकी और भरोसे करके बच्चे को दबा लगा दी फिर भी बच्चे हैदर के भय से घटना की जानकारी परिजन को नहीं दिए। लेकिन हैदर पोल खुलने के भय से बाहर भाग गया।
चार महीने बाद जब वो पुनः घर आया तो बच्चों ने उसे देखकर ये कहते भागने लगे कि आगेलऊ रे यानि फिर आ गया। बच्चे को भयभीत हो भागने से परिजन को आश्चर्य हुआ तो वो इसका कारण जानने का प्रयास किये।
बच्चे सेे जानकारी पाकर परिजन आगबबूला हो आरोपी हैदर के घर पर जाकर पूछताछ करने लगे। पूछताछ के दौरान पीड़ित परिवार और आरोपी परिवार के बीच जमकर हाथापाई हुआ।
मामला जन्दाहा थाना पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस घटनास्थल पर जाकर सभी पीड़ित बच्चों और परिजन का ब्यान कलमबद्ध की ।पुलिस ने हैदर को शाम तक हाजिर करने का फरमान देकर चली आई है, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। वही इस मामले को स्थानीय स्तर पर इज्जत-प्रतिष्ठा का बताकर दबाने की कवायद जारी है। पीड़ित परिजन पुलिस के कार्यशैली से नाखुश है ।अब सवाल उठता है कि नाबालिग बच्चे के साथ इस तरह के घृणित और जघन्य अपराध करने वालों पर पुलिस की नरमी क्यों ?