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नलिनी भारद्वाज, वैशाली। बिदुपुर प्रखंड क्षेत्र में शौचालय निर्माण के बाद सरकारी अनुदान देने के लिए 2 हजार रुपये रिश्वत की मांग की चर्चा बड़ी जोड़-शोर से चल रही है। वही कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा लाभुकों को कड़ी शब्दों में सुनने को मिल रहा है “दो हजार देना होगा नही तो खाते में पैसा नही जायगा” भी सुनने को भी मिला।
इस मामले को लेकर सहदुल्लाहपुर धोबौली पंचायत के वार्ड नं 06 के निवासी शमलेश कुमार ने कहा हैं कि अपने माँ मिंता देवी के नाम से दाखिल आवेदन के बारे में पेमेंट पता लगाने के लिए प्रखंड कार्यालय कोऑर्डिनेटर मुन्ना कुमार से पूछा तो पता चला कि मेरा फार्म जमा ही नही हुआ है। जबकि छः महीने पूर्व में ही आवेदन जमा कर दिया था।
उन्होंने कहा कि पहले ही जिओ टैगिंग हो गई थी। दुबारा आवेदन जमा करने के दौरान कंप्यूटर ऑपरेटर रोहित कुमार ने कहा कि जबतक पैसा नही दोगे काम नही होगा और पैसा नही जाएगा। श्री कुमार ने इसकी लिखित शिकायत एक सप्ताह पहले बीडीओ को दिया था। जिसपर BDO राकेश कुमार द्वारा तुरंत स्पस्टीकरण की मांग की गई थी और आरोप सावित होने पर विभागीय कारवाई करने की बात भी कही थी। जाँच के बाद पाया गया कि उपभोक्ता का जियो टैगिंग हुआ है लेकिन उसे जिला से रिजेक्ट कर दिया गया है जिससे लाभुक को पैसा नही मिल पाया।
इस मामले के बाद BDO राकेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा की यहाँ किसी तरह की बिचौलिया नहीं है। अगर किसी भी कर्मचारी द्वारा किसी भी कार्य के लिए पैसे की मांग की जाती है तो तुरंत इसकी सूचना हमे दे। किसी प्रकार के अनुदान की राशि लाभुको के बैंक एकाउंट में सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भुगतान की जाएगी। इसमें लाभुक को सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। किसी भी योजनाओं का लाभ के लिए अगर लाभुकों द्वारा बिचौलियों को पैसा दिया जाता है तो इसमें उनकी गलती है या तो वो गलत तरीके से अनुदान राशि प्राप्त करना चाहते है या उनका कुछ और स्वार्थ निहित होता है। मैने व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है जिसपर लाभुक लोकेशन ट्रेस कर फ़ोटो भेज सकते है और अगर उसी लोकेशन पर शौचालय का निर्माण कार्य होता है तो जांचोपरांत उनकी राशि उनके बैंक एकाउंट में भेज दी जाएगी।
किसी प्रकार के सरकारी योजनाओं के लिए जो नियम है उसके अनुरूप कार्य करें और योजनाओं का लाभ उठाये। किसी भी सरकारी कर्मी या अन्य लोगों द्वारा या स्थानीय मुखिया , वार्ड द्वारा अगर किसी कार्य के लिए पैसा मांगा जाता है तो इसकी शिकायत लिखित रूप से करें ताकि उनपर कारवाई की जाए। रिश्वत लेना जितना अपराध है उतना ही देना। इसलिए झाँसे में न पड़े और रिश्वत कभी ना दे।