Hits: 160
रिपोर्ट: नितेश कुमार चौधरी,जन्दाहा | जन्म शताब्दी पूरा कर सैंकड़ा एक के जोड़ में पहुंचने वाली बाँके गिरजा राजकीय मध्य विद्यालय,जन्दाहा (वैशाली ) का झील में तब्दीली, भवनहीनता और उसको श्रृंगार करती गंदगी के साथ शौचालय की उपलब्धता के बावजूद उसकी नारकीय स्थिति का होना, विद्यालय प्रबंधन, शासन-प्रशासन और स्थानीय नेतृत्व के मुँह पर कालीख पोत रही है ।
1916 ई में स्थापित इस विद्यालय की दुर्दशा को देखकर रोना आता है ।एक वैसा विद्यालय, जो कभी जिले में प्रथम स्थान पर खड़ी थी, आज उसका एक वर्ग कक्ष पढाने लायक नही है, हल्की बारिश ने ही सम्पूर्ण भवन पर अपना कब्जा जमा लिया है ।ये भवन खतरनाक स्थिती में पहुंचकर छात्र और शिक्षकों के जीवन हंता बनने की बाट जोह रही हैं ।
आज विद्यालय के निरीक्षण में पहुँचे प्रखंड प्रमुख जय शंकर चौधरी को भी विद्यालय की दशा ने रोने पर मजबूर किया होगा। सर्वप्रथम तो वो जलजमाव, गंदगी और छात्रों से खाली विद्यालय को देखकर भड़क गये और इस स्थिति की जानकारी उपलब्ध समय पर नही कराने के लिए प्रभारी शिक्षक को कड़ी फटकार लगाई।
वहीं शिक्षकों ने जीवन-मौत के बीच छात्रों के साथ रहने की वास्तविकता से अवगत कराते हुए समाधान की गुहार लगाई । वैशाली जिला के सबसे शिर्ष पद पर आसीन महिला पदाधिकारी के लिए एक सोचनीय प्रश्न यह विद्यालय लेकर खड़ी है कि “आखिर चार सौ छात्राओं और दर्जनो शिक्षिका शौच के लिए कहाँ जायें और किससे अपनी लज्जा की शिकायत करें। जल,जंगल और गंदगी से घिरा शौचालय शौच को जाने से भी रोकती है और यही स्थिति विद्यालय की रही तो आने वाले समय में महामारी के कारण बहुत बड़ी अनहोनी घटित हो सकती है ।
सावधान प्रशासन, समय से सचेत हो जाओ, वरना अनहोनी का जबाब भी देना होगा ।