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रिपोर्ट: शिशिर समीर,जन्दाहा। सिविल सर्जन “वैशाली” बाल सुरक्षा योजना में मिली शिकायत की जाँच करने पीएचसी जन्दाहा पहुंचे। सिविल सर्जन सुबह सात बजे से लेकर साढे बारह बजे तक रहें। इस बीच लाभूकों के यहाँ भी जाकर व्यान लिये। सिविल सर्जन को शिकायत मिली थी कि प्रियंका देवी पति-रंजीत दास ग्राम अरनिया का प्रसव का घर पर ही हुआ था और आशा द्वारा हॉस्पिटल में लाकर फोटो खीचवाने की औपचारिकता पूरी कर बाल सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया। सिविल सर्जन लाभूक प्रियंका देवी के घर अरनिया जाकर व्यान लिया । प्रियंका देवी ने जन्दाहा के प्राईवेट नर्स द्वारा घर पर ही प्रसव कराने की बात बताई।
तदुपरांत सिविल सर्जन पीएचसी पहुंच कर उस वक्त कार्यरत सभी ममता और एन एम का व्यान लिया। जहाँ ममता ने घर पर प्रसव की बात बताई वहीँ एन एम ने नाङ लगे हुये आने की बात कही। सम्पूर्ण जाँच के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ममता को समझाते नजर आए कि मामला जाँच में स्पष्ट हो गया है, इसलिये जो सही है वही साहव को बताना। हालांकि हॉस्पिटल में इस तरह का खेल लम्बे समय से होता रहा है। एन एम अपने पदाधिकारी से मिलकर पाँच सौ से एक हजार रुपये में नाम चढाने का काम करती ही है, जिसमें सभी का शेयर तय होता है।
जनसुविधा के नाम पर पीएचसी में कोई व्यवस्था नहीं है। सभी चापाकल या तो मृत पङा है या कर्मचारियों द्वारा हेड खोलकर अपने घर ले जाया गया है। सबसे आश्चर्य की बात ये है कि एक तरफ सरकार स्वक्ष भारत स्वस्थ्य भारत को अभियान को मूर्त देने में लगी हुई है, वहीं पीएचसी जन्दाहा में लोग खुले में शौच करने पर विवश है। स्वास्थ्य समिति द्वारा लाखों से निर्मित शौचालय दुर्दशा का रोना रो रहा है। इसकी जर्जरता वयां करता है कि कई वर्षो से बंद पङा है। जबकि दर्जनों प्रसव और सैकड़ों ओपीडी में रोगी आतें हैं। ममता कार्यकर्ता ने पीएचसी में होने वाली असुविधा का शिकायत सिविल सर्जन से करते हुए केयर टेकर अभिषेक कुमार पर गंभीर आरोप लगाया।
ममता ने बताया कि केयर टेकर हमलोगों का न केवल बाहर में फोटो खींच लेता है, बल्कि डिलेवरी रुम में भी जाकर फोटो खीचने का काम करता है और मना करने पर फोटो हाजीपुर भेजने की धमकी देता है। सिविल सर्जन ने इसे गंभीर मामला बताया है। सकारारी आवास आवंटित होने के बावजूद हाऊस रेंट की लेने के प्रश्नों पर सिविल सर्जन ने अनभिज्ञता जाहिर किया। जबकि कई वर्षों ऐसा खेल जारी है। हलाकि सिविल सर्जन काफी नराज दिखाई दे रहें थे, जिसके कारण कर्मचारियों में भय का महौल दिखा। अनियमिता की जाँच जन्दाहा पीएचसी में सिविल सर्जन द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा० बीझा बिंदु, डा शैलेश प्रसाद, डा सुधिर कुमार आदी के समक्ष किया गया और व्यान पर उनलोगों से भी सिविल सर्जन ने हस्ताक्षर कराया।