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दीपक गुप्ता ब्यूरो
सुलतानपुर – कला आन्तरिक प्रभुति की नैसर्गिक व प्राकृतिक देन है। संगीत/नृत्य पूर्ण संवाद है जिसमें शरीर का एक-एक अंग बातचीत करता/बोलता हुआ दिखाई पड़ता है।
यह बातें जिलाधिकारी विवेक ने आज कलेक्ट्रेट में अशोक त्रिपुरारी महाराज शिक्षा पारम्परिक कथक नाट्य सांकृतिक केन्द्र कोइरीपुर, सुलतानपुर के कलाकारों द्वारा ‘‘नई में आयोजित खोज सितारों की-2018″ के आडीशन में फाइनल चयनित होने वाले प्रतिभागियों को बुकें एवं प्रशस्त्रि पत्र देकर सम्मानित करते समय कही।
उन्होंने कहा कि आई0ए0एस0, पी0सी0एस0 मेहनत करके बना जा सकता, किन्तु आन्तरिक प्रभुति के बिना एक अच्छा कलाकार/संगीतज्ञ बनना सम्भव नही। उन्होंने कलाकारों को आगाह करते हुए कहा, कि कला को साध्य समझें साधन नहीं।
जिलाधिकारी ने कहा, कि शिक्षा के साथ-साथ कला भी सीखने की जरूरत है, यदि कला संगीत बच्चों को प्रारम्भ से सिखाई जाय तो आगे बढ़कर अपने परिवार, समाज, जनपद, प्रदेश व राष्ट्र का नाम रोशन कर सकते हैं। इन बच्चों में कला का अच्छा संगम आज हमें देखने को मिला।
फाइनल में चयनित सर्जुन चौधरी शिव तांडव, कथक में प्रगति त्रिपाठी, धात्री त्रिपाठी, दीपाली चौधरी, श्रुति शुक्ला, काली तांडव में सोनाक्षी सिंह, तथा गायन वादन में मुस्कान मौर्या व शिव कुमार, मौलिक त्रिपाठी, सालनी विश्वकर्मा, दृष्टि सिंह, गरिमा पाण्डेय, दिव्या त्रिवारी, मो0 हुसैन, यासिका कसौधन व वेदप्रकाश को प्रशस्त्रि पत्र देकर उत्सावर्धन किया तथा कला को बढ़ावा यथा सम्भव सहयोग का आश्वासन पं0 अशोक महाराज को दिया।
उन्होंने 4 वर्षीय प्रांजल धूरिया तबला वादक को अपने गोद में लेकर काफी लाड़ प्यार करते हुए अपना आर्शीवाद बच्चों को दिया, और प्रशंसा भी संस्था के पदाधिकारियों की की। जिलाधिकारी ने बच्चों को गिफ्त भेंट करते हुए मिठाईयां भी खिलायी।
इस अवसर पर एम0आर0 नंदवंशी, अध्यक्ष शिवदत्त महाराज, राधा सिंह, आशीष मिश्रा, मो0 गफ्फार, आशीष महाराज सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी/कर्मचारीगण व छात्र/छात्राओं के अभिभावक आदि उपस्थित रहे।