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सं सू, जन्दाहा। पेट्रोल और डीजल की बढती कीमत से चिंतित सम्पूर्ण विपक्ष का भारत बंद से आम जनजीवन खासा प्रभावित हुआ। सङकों पर सन्नाटा पसरा रहा, तो दुकानदारों को खरीदारी करने वाला कोई ग्राहक नहीं मिला। वजह थी कि बंद समर्थकों ने यायतायात पूर्णरूपेण अवरुद्ध कर दिया था। बंद समर्थक जन्दाहा के एनएच 322 झम्मनगंज पुल के निकट सङक पर समीयाना और कुर्सी लगाकार यायतायात बंद किया, तो कुशवाहा चौक, अरनिया, चाँदसराय, चकमहदीन टाँङा, कल्याणी चौक आदी जगहों पर लकड़ी का बोल्डर रख कर आगजनी करते हुए आवागमन बाधित किया गया।
अरनिया पेट्रोल पंप पर बच्चे और नौजवानों की टोली बीच सङक पर ही लेटे रहे ताकि कोई आ-जा नहीं सकें । बंद समर्थक ने एक विधायक जी को रोककर नसीहत दिया। बंद समर्थकों ने उक्त विधायक से सवाल किया कि आखिर कबतक हमें आप बेवकूफ बनाने की कोशिश करते रहेंगे। आपने ही बंद का आह्वान किया है और आप ही कहते हो जाने देने के लिए, तो क्यों आपने बंदी कराया। उक्त विधायक द्वारा लाख समझाने बुझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन किसी उनकी एक न मानी। बंद समर्थकों ने उनसे कहा कि आप जब बंद कराने ही जा रहे हैं तो हमारे साथ ही रहकर बंद कराईये। घंटों प्रतीक्षा कर विधायक जी दूसरे रास्ते से गए।
चाँदसराय चौक पर बंद समर्थकों ने एक दुकानदार को लाठी डंडे से जमकर पीटाई कर दिया, जिसके कारण काफी आक्रोश व्याप्त हो गया और आक्रोशितों ने सङक पर गालीगलौज व लाठियां भांजी। मध्यस्थों के द्वारा मध्यस्थता करने से मामला थम गया है, लेकिन महौल काफी आक्रोशपूर्ण है। बताया गया कि दुकानदार बंद कर ही रहा था कि उस पर लाठियां बरसाई गई। बंद शांति पूर्ण रहा, लेकिन कई अहम सवाल तमाम राजनीतिक दल के लिए छोङ गया कि आखिर हमारे नेता कहां ले जाना चाह रहें है देश को और उनसे क्या अपेक्षा कर रही हैं देश की जनता ?