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वैशाली बेलसर प्रभारी अजित कुमार की हत्या की गुत्थी अभी सुलझी भी नहीं की बीती देर रात डॉक्टर के क्लीनिक और आवास पर गोलियों के तड़तड़ाहट गूंज उठा और इस घटना में भी पुलिस की हाथ कुछ लगी की शनिवार की अहले सुबह एक पुलिस कर्मी की हत्या कर दी गयी । सदर थाना क्षेत्र के मनुआ में पुलिया के नजदीक एक पुलिस कर्मी के शव की सुचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस कर्मी की पहचान एएसआई अशोक कुमार के रूप में हुई जो वैशाली थाना में पोस्टेड थे।
तीन – दिन पहले अशोक कुमार बहन की बीमारी और घर बनवाने की बात कह कर एएसआई छूटहि लेकर घर गए थे। जिसके बाद आज एएसआई का शव चंवर से बरामद किया गया। एएसआई को उनके ही सर्विस रिवाल्वर से चार गोली मार कर हत्या की गयी है। जिसमे एक गोली सीना को चीरते हुए आर पार हो गई थी और तीन गोली सीना में फस गई।अपराधी अशोक कुमार की हत्या उनके ही रिवाल्वर से करने के बाद रिवाल्वर भी लेकर चला गया। मौके से मृतक का मोबाइल भी गायब है।
मौके पर पुलिस के आलाधिकारी पहुंच कर जांच में जुट गयी है। सबसे बड़ी बात है की इस सुनसान इलाके में ये यहाँ कैसे पहुंचे ये जांच का विषय है। हालाँकि पुलिस ये भी जांच में जुटी है की ये घटना अपराधियो से मुठभेड़ का नतीजा तो नहीं। घर वालो को घटना के बारे में जानकारी दे दी गयी है। प्रथमदृष्टया कही और हत्या कर शव यहाँ फेंके जाने की बात लग रही है। बहरहाल जिले में बढ़ते आपराधिक घटनाओ से बिहार पुलिस पर सवाल उठने लगे है।
मृतक दरोगा बक्सर जिला अंतरगत धनसोई थाना के चकसै गाव के रहने वाले थे। उनकी जॉइनिंग वैशाली जिला में पाँच वर्ष पूर्ब गोपालगंज से यहाँ हुई थी। दरोगा के शव पोस्टमार्टम के लिए सादर अस्पताल लाया गया जिसके बाद हाजीपुर पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ़ ओनर की सलामी जिला पुलिस कप्तान राकेश कुमार समेत पुलिस कर्मियों ने दिया। लालगंज में बेलसर थाना प्रभारी अजित कुमार की हत्या के बाद अभी तक अशोिक कुमार यादव की प्रतिनियुक्ति लालगंज में ही थी।
वैशाली जिला में तीन माह के अंदर दर्जनो हत्या की घटना से पुरे जिला की लोगों का रूह कांप चूका है। वैशाली में अशोक कुमार की हत्या के पहले बेलसर प्रभारी अजित कुमार की हत्या एक माह पहले हुई है। वही एक जनवरी 2014 को जब साडी दुनिया नए साल के जश्न में डूबा था तभी राघोपुर में जुड़ावनपुर थाना प्रभारी की गोली मारकर थाना परिषर में ही हत्या कर दी गई थी।