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नितेश कुमार चौधरी: सुन्दर, खुशनुमा, मनमोहक,भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद,और आधुनिक शिक्षा के समागम के परिपूर्णता से सिंचित माहौल कर्तव्य पथ के पथिक के जज्बात को नमन करता हुआ सफलता का कहानी सुना रहा है संत पाउल्स हाईस्कूल पातेपुर (वैशाली) का वार्षिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति और संस्थान का प्रयास। विभिन्न राज्य के लोकसंगीत, आधुनिक भारत की आवश्यकता और वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के विकृतिओं को उद्धृत करता कार्यक्रम की प्रस्तुति ने संस्था के भविष्य की योजना को प्रतिबिंबित कर रहा था ।
सर्वप्रथम पातेपुर जैसे पिछड़े क्षेत्रों में कंक्रीट भरी राहों को पसंद करना ही संस्था के जज्बाती संकल्प को प्रदर्शित करता है ।जहाँ आधुनिक शिक्षण संस्थान शहर को पसंद करते है, वहाँ संत पाउल्स हाईस्कूल पातेपुर ने सुदूर देहात का चयन कर मानवीय कर्तव्यों के उपयोग की सार्थकता को सिद्ध करने का काम किया है ।जरूरी संसाधन से आजादी के सात दशक बाद भी महरूम जगह का चयन कर शैक्षणिक महौल कायम करना संस्थान की विशिष्टता है और उन विशिष्टताओं को श्रृंगारित कर है आधुनिक शिक्षा का संयोजन।
आपने पाँच माह के अल्पावधि में सरकारी विद्यालययों के महौल के माफिक नही रहने वाले बच्चे द्वारा दुनियाँ के सर्वोच्च शैक्षणिक संस्थान का प्रतिस्पर्धी बनते देखना वाकई संस्थान की काबिलियत को प्रदर्शित करता है। आज मुझे अपनी ही प्रश्नों की समीक्षा करते हुए संस्थान के डायरेक्टर पंकज शुक्ला जी को मनमाफिक प्राप्तांक देना पड़ रहा है। इस संस्थान की पातेपुर जैसे सुदूर देहाती इलाके में संचालित करने के लिए मदद की अपील किया था और हमने प्रश्नों की तीक्ष्णता से उन्हे घायल करने का प्रयास किया । मेरे हमले से बेखौफ शुक्ला, ने जिस धैर्य का परिचय मुझे दिया था शायद उसी का परिणाम संस्थानिक सफलता की कहानी लिख रहा है।
संस्थान द्वारा भारत स्वच्छता अभियान को अपनी कार्यशैली बनाये रखना राष्ट्रीय कर्तव्य को सिंचित करता है ।संस्थान के बच्चे अपनी पेंसिल को डस्ट बोड के निकट आकर छिलके को डालते है और साथ ही विद्यालय के समीपस्थ क्षेत्रों का साफ-सफाई कर ग्रामिणों को स्वच्छता प्रति जागरूक करने का पखवाड़े में अभियान चला कर स्वच्छ रहने की आवश्यकताओं को बताते है ।
संस्थान के छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति अभिभावकों में शिक्षा की आवश्यकता को अपनी प्रमुखता में शामिल करने के प्रति संकल्पित किया है, जिस उद्गार को अभिभावक अपने संबोधन में भावुकता के साथ ब्यान कर गये।
इन कार्यक्रमों में शिक्षाविद, समाजसेवी, एसएसबी और प्रशासनिक अधिकारीयों सहित विशाल संख्या में अविभावकों की उपस्थिती संस्था के उज्ज्वल भविष्य को रेखांकित कर रही थी।
धन्यवाद के पात्र है संस्थान के त्रृमुख मंडल जिनकी प्रयास बिहार की शैक्षणिक बदहाली और कलंक के टीके को संत पाउल्स हाईस्कूल पातेपुर के बच्चे को संस्कार व आधुनिक शिक्षा में समृद्ध कर धोने में सतत प्रयत्नशीलहै ।आने वाला वक्त आपके सम्मान, समृद्धि और पातेपुर को शिक्षा के अग्रणी पंक्ति में खड़ा करने वाला होगा । निरंतरता को सामुहिक समाजिक सोंच को कायम रखने की जिम्मेवारी है, मुझे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है कि आप अपनी श्रेष्ठता का परिचय देते रहेंगे ।मुझे अपेक्षा भी है कि आप हमारी जिम्मेवारी का निर्वहन कर हमे उपकृत करेंगे।
संस्थान और संस्थान के छात्रो के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारी शुभकामना है ।
जय बिहार, जय संस्थान ।